ॐ शिवे भगवे भक्षे भगे भंग क्षोभय क्षोभय मोहय मोहय छदाय छदाय कलेटय क्लीं शरीरे ओम फट स्वाहा ॥ॐ नमो महाशाबरी शक्ति मम अरिष्टं निवारय मम कार्य सिद्धं कुरु कुरु स्वाहाः॥ कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए. Like to start with of https://vashikaran20742.myparisblog.com/35387987/considerations-to-know-about-mahakal