चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है…” दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी पाकिस्तान के अग्रणी आधुनिक शायरों में से एक, अपने अपारम्परिक अंदाज़ के लिए मशहूर। वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले “जिसके लिए तन्हा हूँ वो तन्हा नहीं, जिसे हर दिन याद करूँ वो https://youtu.be/Lug0ffByUck